आज का मुस्लमान```
```ह़ज़रते हुसैन कौन थे????नही पता!```
```किस लिए शहीद हुए ????नही पता!```
```कर्बला में कौन कौन शहीद हुए????नही पता!```
```जैनब कौन थी????नही पता!```
```असगर कौन थे????नही पता!```
```जंग किस जगह हुई????नही पता!```
```किससे हुई ???नही पता
कितने दिनों तक हुई???नही पता!```
```1 से 10 मोहर्रम के बीच क्या हुआ ????नही पता!```
```कितनो को ये भी नही पता है कि हज़रते हुसैन रजि0 का सरदारे दो आलम स0अ0 से क्या रिश्ता था?????```
```फिर पता क्या है``
```मलीदा----पता है```
```खुर्मा----पता है```
```बताशा,रेवड़ी---पता है```
```जलेबी ज़र्दा----पता है```
```बिरयानी----पता है```
```ताजिया----पता है```
```पायक बनना---पता है```
```घुंघरू पहन क दौड़ना---पता है```
```कलावा----पता है```
```इमाम चौक का तवाफ़ करना---पता है```
```नंगे पाओं चलना----पता है```
```दूध का पानी मिला शर्बत----पता है```
```ढोल बजाना---पता है```
```नाँचना गाना----पता है```
```डीजे पर डांस----पता है```
```बिरयानी के पीछे भागने वाले भूखे नंगो को सब पता है```
``` सिवाए इसके कि हज़रते हुसैन रजि0 का अ़क़िदा क्या था मन्हज क्या था !!!```
```आज हम हुस्सैनी होने का दावा तो करते है लेकिन सिर्फ नारा लगाने के लिये...```
```ऐसा नही होना चाहयि इस्लाम आज हम तक काफ़ी मुस्किल से हम तक पहुंचा है...```
```मेरे हुज़ूर ने अपने पेट पर पत्थर बँधा है तब इस्लाम आगे बढ़ा है..```
```हजरते अमीरे हमज़ा का सीना चाक किया गया कलेजा चबाया गया तब इस्लाम आगे बढ़ा है..```
```हज़रते अब्बास अलमबरदार के बाज़ू काटे गये है तब इस्लाम आगे बडा है..```
```सैयदुना सकिना का सबर तार तार किया गया है तब इस्लाम आगे बडा है..```
```सैयद्ना सकिना का कान फाड़ दिये गये है तब इस्लाम आगे बडा है..```
```सैय्दुना जैनुल आबेदिन रजि जनज़िर मे जक्कड़ा गया पीठ पर कोडे़ से मारा गया है तब इस्लाम आगे बडा है..```
बातिल के खिलाफ सर ना झुकाया हुसेन ने ```हज़रते हुसैन ने सज़्दे मे अपना सर काटाया है तब इस्लाम आगे बडा है....```
```और तु है के दीन का मज़ाक बना कर रख दिया है़...```
```दिने इस्लाम में अपनी मरज़ी का रुसुमात दाख़िल कर दिया है...अपनी मरज़ी का इबादत बना लिया है...अपनी बुज़ुर्ग का तरिक़ा अपना लिया है..कभी तुने ये जानने की कोशिश की है हज़रते हुसैन का नमाज़ कैसा था?क्या उनकी नमाज़ कज़ा कभी हुई कभी तुने ये जानने की कोशिश की है के हज़रते हुसैन का अ़क़िदा क्या था???क्या हुसैन रदियल्लाहु अ़न्हु ने या रसुलुल्लाह अलमदद कहा है???क्या हुसैैन रदियल्लाहु अ़न्हु ने या अ़लि अलमदद कब कहा है???तुने तो न ख़ुद पढ़ा और न पढ़ाने वालों के पास गया ,तो इल्म कहां से आयेगा,जो देखा बचपन से उसी को इस्लाम समझ लिया,अरे नादानों मौत से पहले इल्म सिखो और तौबा करो शिर्को से बिदआ़त से ,वरना ये बेराह पेट भरू मौल्वी लोग तुम्हे अपने साथ जहन्नम में ले जायेगा```
मेरा काम तो सिर्फ बता देना है बांक़ी तुम्हारी मरज़ी ,जन्नत वाले बनो या जहन्नम वाले।
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